Share0 Bookmarks 48728 Reads1 Likes
रोया भी न जाय, हॅसा भी न जाय, ऎ हवा क्या तु भी देख हमें मुस्काये| गुलाबों की कलियों में, गाँव की गलियों में, मिट्टी में सांस लिए, तु भी मन्द- मन्द लहराये, ऎ हवा क्या तु भी देख हमें मुस्
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments