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गुज़र गये वो लम्हें सारे, साथ में जो बिताये थे,
टूट गये वो सपने सारे, मिलकर जो सजाये थे।
बाकी कुछ भी रहा नहीं, यादों का बस डेरा है,
अब भी मेरे टूटे दिल में, बस तेरा ही चेहरा है।
सब कुछ मेरे पास में है, फिर भी कुछ कमी सी है,
अब भी मेरी आँखों में, हल्की-सी नमी सी है।
ऐसा क्या था तुझमें जो, अब भी मुझपर छाया है,
क्यों अभी भी ख्वाबों में, बस तेरा ही साया है।
तुझे देखता तो अब भी हूँ, बस रुबरु नहीं होता,
कुछ तो तुझमें ऐसा है, जो सबके पास नहीं होता।
अंजान हूँ तेरे हाल से, एक बार मिलने आ जाना,
मैं भी तुझको याद हूँ, इतना विश्वास दिला जाना।
मेरी आखरी ख्वाईश है कि, एक बार तुझसे मिल सकूँ,
ताज़े गुलाब की तरह, एक बार फिर से खिल सकूँ।
अंजान ही समझ मुझे, पहले की तरह दिल ना दे,
बस एक ही पल के लिये, इस दिल को तुझसे मिलने दे।
टूट गये वो सपने सारे, मिलकर जो सजाये थे।
बाकी कुछ भी रहा नहीं, यादों का बस डेरा है,
अब भी मेरे टूटे दिल में, बस तेरा ही चेहरा है।
सब कुछ मेरे पास में है, फिर भी कुछ कमी सी है,
अब भी मेरी आँखों में, हल्की-सी नमी सी है।
ऐसा क्या था तुझमें जो, अब भी मुझपर छाया है,
क्यों अभी भी ख्वाबों में, बस तेरा ही साया है।
तुझे देखता तो अब भी हूँ, बस रुबरु नहीं होता,
कुछ तो तुझमें ऐसा है, जो सबके पास नहीं होता।
अंजान हूँ तेरे हाल से, एक बार मिलने आ जाना,
मैं भी तुझको याद हूँ, इतना विश्वास दिला जाना।
मेरी आखरी ख्वाईश है कि, एक बार तुझसे मिल सकूँ,
ताज़े गुलाब की तरह, एक बार फिर से खिल सकूँ।
अंजान ही समझ मुझे, पहले की तरह दिल ना दे,
बस एक ही पल के लिये, इस दिल को तुझसे मिलने दे।
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