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जो राष्ट्र निर्माण में हो सर्वोपरि वो ओजस्वी स्वर युवा का होगा,
जो नित अकाट्य कीर्तिमान गढ़े वो अदम्य साहस युवा का होगा
जो असफलता को भी अपना माने वो मन मतवाला युवा का होगा,
जो बिन द्रोणाचार्य के एकलव्य बनने आये वो जोश युवा का होगा
जो रखे संकट में स्वयं को आगे वो अमर बलिदान युवा का होगा,
जो कहा विवेकानंद ने एक दो दशक नहीं हर युग युवा का होगा
जो कहे शब्द वो रहे गगनभेदी तीर ऐसा सौष्ठव युवा का होगा,
जो बहे धारा विपरीत भले ही कितनी वायु का संचार युवा से होगा
- आकाश गुप्ता ✍️
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