मुफ़्लिसी सब बहार खोती है's image
1 min read

मुफ़्लिसी सब बहार खोती है

Wali Muhammad WaliWali Muhammad Wali
0 Bookmarks 100 Reads0 Likes

मुफ़्लिसी सब बहार खोती है

मर्द का ए'तिबार खोती है

क्यूँके हासिल हो मुज को जमइय्यत

ज़ुल्फ़ तेरी क़रार खोती है

हर सहर शोख़ की निगह की शराब

मुझ अँखाँ का ख़ुमार खोती है

क्यूँके मिलना सनम का तर्क करूँ

दिलबरी इख़्तियार खोती है

ऐ 'वली' आब उस परी-रू की

मुझ सिने का ग़ुबार खोती है

 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts