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मैं पानी हूँ इसलिए मुझ पर आरोप नहीं लगता
कि मैं बर्फ क्यों बन गया
कि मैं भाप क्यों बन गया
या मैं तब ठंडा क्यों था
और अब गर्म क्यों हो गया हूँ
या मैं हर बर्तन के आकार का क्यों हो जाता हूँ।
फिर भी मैं शुक्रगुजार हूँ कि लोग
मेरे बारे में राय बनाने से पहले यह याद रखते हैं
कि मैं पानी हूँ
और यह सलाह नहीं देते
कि मैं कब तक पानी के परंपरागत गुण धर्म निभाता रहूँगा।
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