
0 Bookmarks 36 Reads0 Likes
चंचल पवन प्राणमय बंधन
व्योम सभी के ऊपर छाया
एक चांदनी का मधु लेकर
एक उषा में जगो जगाओ
झिझक छोड़ दो, जाल तोड़ दो
तज मन का जंजाल जोड़ दो
मन से मन जीवन से जीवन
कच्चे कल्पित पात्र फोड़ दो
साँस-साँस से लहर-लहर से
और पास आओ लहराओ
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments