इक हवेली हूँ उस का दर भी हूँ's image
1 min read

इक हवेली हूँ उस का दर भी हूँ

Tehzeeb Hafi(तहज़ीब हाफ़ी)Tehzeeb Hafi(तहज़ीब हाफ़ी)
0 Bookmarks 201 Reads0 Likes

इक हवेली हूँ उस का दर भी हूँ
ख़ुद ही आँगन ख़ुद ही शजर भी हूँ

अपनी मस्ती में बहता दरिया हूँ
मैं किनारा भी हूँ भँवर भी हूँ

आसमाँ और ज़मीं की वुसअत देख
मैं इधर भी हूँ और उधर भी हूँ

ख़ुद ही मैं ख़ुद को लिख रहा हूँ ख़त
और मैं अपना नामा-बर भी हूँ

दास्ताँ हूँ मैं इक तवील मगर
तू जो सुन ले तो मुख़्तसर भी हूँ

एक फलदार पेड़ हूँ लेकिन
वक़्त आने पे बे-समर भी हूँ

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts