0 Bookmarks 200 Reads0 Likes
महर्षि मोहन के मुख से निकला, स्वतन्त्र भारत, स्वतन्त्र भारत।
सचेत होकर सुना सभी ने, स्वतन्त्र भारत, स्वतन्त्र भारत।
रहा हमेशा स्वतन्त्र भारत, रहेगा फिर भी स्वतन्त्र भारत।
कहेंगे जेलों में बैठकर भी, स्वतन्त्र भारत, स्वतन्त्र भारत।
कुमारि, हिमगिरि, अटक, कटक में, बजेगा डंका स्वतन्त्रता का।
कहेंगे तैतिस करोड़ मिलकर, स्वतन्त्र भारत, स्वतन्त्र भारत।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments