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इक कुड़ी जिहदा नाम मुहब्बत
गुम है गुम है गुम है!
साद मुरादी सुहणी फब्बत
गुम है गुम है गुम है
सूरत उसदी परीआं वरगी
सीरत दी ओह मरीअम लगदी
हस्स्दी है तां फुल्ल झड़दे ने
टुरदी है तां ग़ज़ल है लगदी
लम्म- सलम्मी सरू कद्द दी
उमर अजे है मर के अग्ग दी
पर नैणां दी गल्ल समझदी!
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