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आदमी की अज़ीब हालत है
वहशियों में ग़ज़ब की ताकत है
चन्द नंगो ने लूट ली महफिल
और सक्ते में आज बहुमत है
अब किसे इस चमन की चिंता है
अब किसे सोचने की फुरसत है
जिनके पैरो तले ज़मीन नहीं
उनके सर पर उसूल की छत है
रेशमी शब्दजाल का पर्याय
हर समय, हर जगह सियासत है
वक़्त के डाकिए के हाथों में
फिर नए इंकलाब का खत है
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