गीली मुलायम लटें's image
1 min read

गीली मुलायम लटें

Shamsher Bahadur SinghShamsher Bahadur Singh
0 Bookmarks 54 Reads0 Likes

गीली मुलायम लटें

आकाश

साँवलापन रात का गहरा सलोना

स्तनों के बिंबित उभार लिए

हवा में बादल

सरकते

चले जाते हैं मिटाते हुए

जाने कौन से कवि को...

नया गहरापन

तुम्हारा

हृदय में

डूबा चला जाता

न जाने कहाँ तक

आकाश-सा

ओ साँवलेपन

ओ सुदूरपन

ओ केवल

लयगति...

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts