
0 Bookmarks 267 Reads0 Likes
कह रही है जिंदगी
बहुत ही नजदीक मेरे, रह रही है जिंदगी,
मैं अनोखी दास्ताँ हूँ कह रही है जिंदगी।
कुछ हकीकत है अगर
एक बुलबुला है जिंदगी,
बूँद सागर बन स्वयं
हँसाती - रुलाती जिंदगी
आज अपनों में पराई सी रही है जिंदगी,
मैं अनोखी दास्ताँ हूँ, कह रही है जिंदगी।
हर तरफ ही भीड़ है
देखो यहाँ भगदड़ मची,
खो रहा तूफान में सब
एक श्वास तक भी ना बची।
तूफान के सारे थपेड़े सह रही है जिंदगी,
मैं अनोखी दास्ताँ हूँ कह रही है जिंदगी।
जिंदगी फूलों की बगिया
कंटकों का घेर भी,
कसमसाहट से भरा है
जिंदगी का फेर भी।
इक बूँद आशा का समुंदर, बन रही है जिंदगी,
मैं अनोखी दास्ताँ हूँ, कह रही है जिंदगी।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments