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अगर मुझ से मुहब्बत है मुझे सब अपने ग़म दे दो
इन आँखों का हर इक आँसू मुझे मेरी क़सम दे दो
अगर मुझ से ...
तुम्हारे ग़म को अपना ग़म बना लूँ तो क़रार आए
तुम्हारा दर्द सीने में छुपा लूँ तो क़रार आए
वो हर शय जो तुम्हें दुख दे मुझे मेरे सनम दे दो
अगर मुझ से ...
शरीक-ए-ज़िन्दगी को क्यूँ शरीक-ए-ग़म नहीं करते
दुखों को बाँट कर क्यूँ इन दुखों को कम नहीं करते
तड़प इस दिल की थोड़ी-सी मुझे मेरे सनम दे दो
अगर मुझ से ...
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