न दिल भरा है न अब नम रहा है आँखों में's image
1 min read

न दिल भरा है न अब नम रहा है आँखों में

Qaim ChandpuriQaim Chandpuri
0 Bookmarks 77 Reads0 Likes

न दिल भरा है न अब नम रहा है आँखों में

कभू जो रोए थे ख़ूँ जम रहा है आँखों में

मैं मर चुका हूँ पे तेरे ही देखने के लिए

हबाब-वार तनिक दम रहा है आँखों में

मुवाफ़क़त की बहुत शहरियों से मैं लेकिन

वही ग़ज़ाल अभी रम रहा है आँखों में

वो मह्व हूँ कि मिसाल-ए-हबाब-ए-आईना

जिगर से अश्क निकल थम रहा है आँखों में

बसान-ए-अश्क है 'क़ाएम' तू जब से आवारा

वक़ार तब से तिरा कम रहा है आँखों में

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts