
हमारे पास बचाने को कुछ नहीं था
न हौसले, न हक़, न हथियार
हम किस के लिए मुगलों से लड़ते
हम शूद्र थे और हिन्दू होने के बावजूद
इस विपरीत समय में भी
एक कट्टर हिन्दू फ़रमान के शिकार थे
एक ऐसा फ़रमान जिसके चलते
हमारे गाँवों से गुज़रतीं मुगल फौजों के
हमारे गाँवों के कुओं से पानी पीते ही
हम मुसलमान हो जाते
पता नहीं तब हमारे गाँवों से गुज़रतीं
मुगल फौजें, हमें मुसलमान बनाना,
चाहती भी थीं या नहीं
मगर इतना तय था
कि फ़रमान जारी करने वाले ज़रूर
छुटकारा पाना चाहते थे हमसे
यदि फ़रमानी ऐसा नहीं चाहते होते
तो वे कभी जारी नहीं करते ऐसा फ़रमान
और मुगलों के हमारे गाँवों के कुओं से
पानी पीकर गुज़र जाने के बाद अपने बीच
हमारे वापस लौटने के रास्ते रखते खुले
अब आप ही बताएँ
तब सैकड़ों गाँवों में बसे हमें
मुसलमान बनाने वाला कौन था
कोई कट्टर मुसलमान
या कट्टर हिन्दू फ़रमान
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