चारासाजों की अज़ीयत नहीं देखी जाती's image
1 min read

चारासाजों की अज़ीयत नहीं देखी जाती

Parveen ShakirParveen Shakir
0 Bookmarks 311 Reads0 Likes

चारासाजों की अज़ीयत नहीं देखी जाती
तेरे बीमार की हालत नहीं देखी जाती

देने वाले की मशीय्यत पे है सब कुछ मौक़ूफ़
मांगने वाले की हाजत नहीं देखी जाती

दिल बहल जाता है लेकिन तेरे दीवानों की
शाम होती है तो वहशत नहीं देखी जाती

तमकनत से तुझे रुख़सत तो किया है लेकिन
हमसे उन आँखों की हसरत नहीं देखी जाती

कौन उतरा है आफ़ाक़ की पिनाहाई में
आईनेख़ाने की हैरत नहीं देखी जाती

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts