
0 Bookmarks 354 Reads0 Likes
पद्म धर्यो जन ताप निवारण।
चक्र सुदर्शन धर्यो कमल कर भक्तन की रक्षा के कारण॥१॥
शंख धर्यो रिपु उदर विदारन, गदा धरि दुष्टन संहारन।
चारों भुजा चार आयुध धर नारायण भुव भार उतारन॥२॥
दीनानाथ दयाल जगत गुरू आरती हरन भक्त चिंतामन।
परमानंद दास को ठाकुर यह ओसर ओसर छांडो जिन॥३॥
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments