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दिल यार की गली में कर आराम रह गया
पाया जहाँ फ़क़ीर ने बिसराम रह गया
किस किस ने उस के इश्क़ में मारा न दम वले
सब चल बसे मगर वो दिल-आराम रह गया
जिस काम को जहाँ में तू आया था ऐ 'नज़ीर'
ख़ाना-ख़राब तुझ से वही काम रह गया
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