जो आवे मुँह पे तिरे माहताब है क्या चीज़'s image
1 min read

जो आवे मुँह पे तिरे माहताब है क्या चीज़

Nazeer AkbarabadiNazeer Akbarabadi
0 Bookmarks 67 Reads0 Likes

जो आवे मुँह पे तिरे माहताब है क्या चीज़

ग़रज़ ये माह तो क्या आफ़्ताब है क्या चीज़

ये पैरहन में है इस गोरे गोरे तन की झलक

कि जिस के सामने मोती की आब है क्या चीज़

भुला दीं हम ने किताबें कि उस परी-रू के

किताबी चेहरे के आगे किताब है क्या चीज़

तुम्हारे हिज्र में आँखें हमारी मुद्दत से

नहीं ये जानतीं दुनिया में ख़्वाब है क्या चीज़

'नज़ीर' हज़रत-ए-दिल का न कुछ खुला अहवाल

मैं किस से पूछूँ ये नुदरत-मआब है क्या चीज़

जो सख़्त होवे तो ऐसा कि कोह आहन का

जो नर्म होवे तो बर्ग-ए-गुलाब है क्या चीज़

घड़ी में संग घड़ी मोम और घड़ी फ़ौलाद

ख़ुदा ही जाने ये आली-जनाब है क्या चीज़

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts