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दूसरा फ़ैसला नहीं होता
इश्क़ में मशवरा नहीं होता
ख़ुद ही सौ रास्ते निकलते हैं
जब कोई रास्ता नहीं होता
जब तलक रू-ब-रू न हो कोई
आइना आइना नहीं होता
अपना समझा तो कह दिया वर्ना
ग़ैर से तो गिला नहीं होता
कुछ न कुछ पहले खोना पड़ता है
मुफ़्त में तजरबा नहीं होता
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