यों शुद्ध सच्चिदानन्द's image
1 min read

यों शुद्ध सच्चिदानन्द

Nathuram SharmaNathuram Sharma
0 Bookmarks 78 Reads0 Likes

यों शुद्ध सच्चिदानन्द,
ब्रह्म को बतलाता वेद।
केवल एक अनेक बना है, निर्विवेक सविवेक बना है,
रूपहीन बन गया रंगीला लोहित, श्याम सफेद।
टिका अखण्ड समष्टि रूपसे, खण्डित विचरे व्यष्टि रूपसे,
जड़-चैतन्य विशिष्ट रूपसे रहे अभेद-सभेद।
पूरण प्रेम-पयोधि प्रतापी, मंगल-मूल महेश विलापी,
सिद्ध एकरस सर्व-हितैषी, कहीं न अन्तर छेद।
विश्व-विधायक विश्वम्भर है, सत्य सनातन श्रीशंकर है,
विमल विचारशील भक्तों के, दूर करे भ्रम-खेद।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts