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सब शरीक-ए-सदमा-ओ-आज़ार कुछ यूँही से हैं

Muztar KhairabadiMuztar Khairabadi
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सब शरीक-ए-सदमा-ओ-आज़ार कुछ यूँही से हैं

यार कुछ यूँही से हैं ग़म-ख़्वार कुछ यूँही से हैं

उन के सब अफ़आ'ल सब अतवार कुछ यूँही से हैं

क़ौल कुछ यूँही से हैं इक़रार कुछ यूँही से हैं

अपने दीवाने से मिल लीजे उसी में ख़ैर है

आप अभी रुस्वा सर-ए-बाज़ार कुछ यूँही से हैं

जिस जगह देखो नसीहत के लिए मौजूद हैं

हज़रत-ए-नासेह ख़ुदाई-ख़्वार कुछ यूँही से हैं

दस्त-ए-वहशत ने गरेबाँ का सफ़ाया कर दिया

जेब के पर्दे में थोड़े तार कुछ यूँही से हैं

उन के आने की ख़बर सुन कर उड़ा दी है ख़बर

वर्ना 'मुज़्तर' वाक़ई बीमार कुछ यूँही से हैं

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