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प्यारी प्यारी सूँ प्यार किए
सौ लबाँ थे लब आप अयार किए
नक़्श अधरप दसन सूँ कर छंदूँ
चूम चूम गाल उपर निगार किए
नक सूँ तस्वीर करने जोबन पर
कंचकी फाड़ फाड़ तार किए
लेख कुच हात के इरम में पय
ले कहे कुच देखत अनार किए
ख़ुश हो पंवाख नूर-ए-बुस्ताँ सूँ
सर थे पक लग उसे सिंगार किए
कंठ-मालाँ पदक हुमैल्याँ ल्या
किए यू छंद सूर के सितार किए
सौ नबी सदक़े 'क़ुतुब' धन गल बा
रात दिन इस गले का हार किए
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