
0 Bookmarks 222 Reads0 Likes
उस पर विविध भारती और समाचार सुनते घर पुराना हो गया
उसके साथ ही ऊँची नीची आवाज़ें कमजोर तरंगें
उसके नॉब भी खो गये पिछली सफेदी में
धूप में गरमाये सेल रात के अँधेरे में एकाएक चुप हो जाते हैं
समाचारों के बीच ,
आंइडहोवन* की खुली सड़कों में तेज हवा से बचते शहर के बीच
खड़ी विशाल फिलिप्स कॉर्पोऱेशन की इमारत को देखता,
जेब्राक्रासिंग पे खड़ा सोचता,
क्या यह फिलिप्स रेडयो है !
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments