बेखुदी ले गयी कहाँ हम को's image
1 min read

बेखुदी ले गयी कहाँ हम को

Mir Taqi MirMir Taqi Mir
0 Bookmarks 231 Reads0 Likes

बेखुदी ले गयी कहाँ हम को
देर से इंतज़ार है अपना

रोते फिरते हैं सारी-सारी रात
अब यही रोज़गार है अपना

दे के दिल हम जो हो गए मजबूर
इस में क्या इख्तियार है अपना

कुछ नही हम मिसाले-अनका लेक
शहर-शहर इश्तेहार है अपना

जिस को तुम आसमान कहते हो
सो दिलों का गुबार है अपना

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts