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मोहब्बत का होगा असर रफ़्ता रफ़्ता

Kunwar Mohinder Singh BediKunwar Mohinder Singh Bedi
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मोहब्बत का होगा असर रफ़्ता रफ़्ता

नज़र से मिलेगी नज़र रफ़्ता रफ़्ता

शब-ए-ग़म की तूलानियों से न घबरा

कि इस की भी होगी सहर रफ़्ता रफ़्ता

नज़र उन की ऐसे मिली है कि जैसे

मिलाएँगे दिल भी मगर रफ़्ता रफ़्ता

क़फ़स से रिहाई तो मिल जाए पहले

निकल आएँगे बाल-ओ-पर रफ़्ता रफ़्ता

मिरी बंदगी का करिश्मा तो देखो

जबीं बन गई संग-ए-दर रफ़्ता रफ़्ता

जहाँ हम कहीं नक़्श-ए-पा छोड़ आए

वहीं बन गई रहगुज़र रफ़्ता रफ़्ता

मिरे साथ जो दो क़दम भी चला है

वही बन गया हम-सफ़र रफ़्ता रफ़्ता

ख़ुदा जाने क्यूँ सर झुकाने लगे हैं

मुझे देख कर चारागर रफ़्ता रफ़्ता

अभी उस ने आने का वा'दा किया है

चमकने लगे बाम-ओ-दर रफ़्ता रफ़्ता

शब-ए-ग़म की रूदाद क्या पूछते हो

'सहर' को मिली है सहर रफ़्ता रफ़्ता

 

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