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दिल लिया है तो बेवफ़ा न बनो
दर्द मत दो अगर दवा न बनो
या नवाज़ों तो लुत्फ़-ए-पैहम से
या किसी का तुम आसरा न बनो
दिल में हूर-ओ-क़ुसूर हैं हर आन
शैख़ ऊपर से पारसा न बनो
अशरफ़-उल-ख़ल्क़ है लक़ब उस का
पहले इंसाँ बनो ख़ुदा न बनो
मुद्दई' का न हो जो पास तुम्हें
फिर किसी दिल का मुद्दआ' न बनो
हम वफ़ादार हैं रहेंगे भी
न बनो आप बा-वफ़ा न बनो
लाज रख तू 'सहर' के सज्दों की
बुत बनो तुम अगर ख़ुदा न बनो
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