हम कबीर के वंशज's image
2 min read

हम कबीर के वंशज

Kumar VishwasKumar Vishwas
2 Bookmarks 6463 Reads22 Likes

वे बोले दरबार सजाओ
वे बोले जयकार लगाओ
वे बोले हम जितना बोलें
तुम केवल उतना दोहराओ
वाणी पर इतना अंकुश कैसे सहते
हम कबीर के वंशज चुप कैसे रहते

वे बोले जो मार्ग चुना था
ठीक नही था बदल रहे हैं
मुक्तिवाही संकल्प गुना था
ठीक नही था बदल रहे हैं
हमसे जो जयघोष सुना था
ठीक नही था बदल रहे हैं
हम सबने जो ख्वाब बुना था
ठीक नहीं था बदल रहे हैं
इतने बदलावों मे मौलिक क्या कहते
हम कबीर के वंशज चुप कैसे रहते

हमने कहा अभी मत बदलो
दुनिया की आशाऐं हम हैं
वे बोले अब तो सत्ता की
वरदाई भाषाएँ हम हैं
हमने कहा वयर्थ मत बोलो
गूंगों की भाषाऐं हम हैं
वे बोले बस शोर मचाओ
इसी शोर से आऐ हम हैं
इतने मतभेदों में मन की क्या कहते
हम कबीर के वंशज चुप कैसे रहते

हमने कहा शत्रु से जूझो
थोडे. और वार तो सह लो
वे बोले ये राजनीति है
तुम भी इसे प्यार से सह लो
हमने कहा उठाओ मस्तक
खुलकर बोलो, खुलकर कह लो
बोले इसपर राजमुकुट है
जो भी चाहे जैसे सह लो
इस गीली ज्वाला मे हम कबतक बहते
हम कबीर के वंशज चुप कैसे रहते

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts