0 Bookmarks 144 Reads0 Likes
खेलत वसंत निस पिय संग जागी।
सखी वृंद गोकुल की सोभा गिरिधर पिय पदरज अनुरागी॥१॥
नवल कुंज में गुंजत मधुप पिक विविध सुगन्ध छींट तन लागी।
कृष्णदास स्वामिनी युवती यूथ चूडामणि रिझवत प्राणपति राधा बडभागी ॥२॥
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments