दाढ़ी के रखैयन की दाढ़ी सी रहत छाती's image
1 min read

दाढ़ी के रखैयन की दाढ़ी सी रहत छाती

Kavi BhushanKavi Bhushan
0 Bookmarks 594 Reads0 Likes

दाढ़ी के रखैयन की दाढ़ी सी रहत छाती
बाढ़ी मरजाद जसहद्द हिंदुवाने की
कढ़ी गईं रैयत के मन की कसक सब
मिटि गईं ठसक तमाम तुकराने की
भूषण भनत दिल्लीपति दिल धक धक
सुनि सुनि धाक सिवराज मरदाने की
मोटी भई चंडी,बिन चोटी के चबाये सीस
खोटी भई अकल चकत्ता के घराने की

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts