ब्रह्म के आनन's image
1 min read

ब्रह्म के आनन

Kavi BhushanKavi Bhushan
0 Bookmarks 1066 Reads0 Likes

ब्रह्म के आनन तें निकसे अत्यंत पुनीत तिहूँ पुर मानी .
राम युधिष्ठिर के बरने बलमीकहु व्यास के अंग सोहानी.
भूषण यों कलि के कविराजन राजन के गुन गाय नसानी.
पुन्य चरित्र सिवा सरजे सर न्हाय पवित्र भई पुनि बानी

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts