
0 Bookmarks 67 Reads0 Likes
उन्हें बाँहों में बढ़कर थाम लेंगे
कभी दीवानेपन से काम लेंगे
ग़ज़ल में दिल तड़पता है किसीका
उन्हें कह दो, कलेजा थाम लेंगे
ये माना ज़िन्दगी फिर भी मिलेगी
नहीँ हम ज़िन्दगी का नाम लेंगे
अँधेरे ही अँधेरे होंगे आगे
पड़ाव अगला जहां कल शाम लेंगे
मिला दुनिया से क्या, मत पूछ हमसे
तुझीमें, मौत! अब आराम लेंगे
गुलाब! इस बाग़ की रंगत थी तुमसे
वे किस मुँह से मगर यह नाम लेंगे!
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments