तू एक शक्ति है यह तो निर्विवाद है's image
1 min read

तू एक शक्ति है यह तो निर्विवाद है

Gulab KhandelwalGulab Khandelwal
0 Bookmarks 61 Reads0 Likes

तू एक शक्ति है यह तो निर्विवाद है,
प्रश्न तो यह है कि चेतन मुझ जैसा ही
तेरा भी अपना व्यक्तित्व कोई है या नहीं
और यदि है तो फिर
क्या कभी करता हमें भी तू याद है.

'हँसना कभी, रोना कभी,
पाना कभी, खोना कभी,
देखना, सुनना, समझना, अनुभव करना,
जगना और सोना कभी'
क्या यह स्वतंत्रता का सुख तुझे प्राप्त है?
अथवा चिर-अटल, अकाट्य, चिर अलिप्त तू,
एक महाशक्ति-स्रोत अणु-अणु में व्याप्त है?

तेरा यदि कोई व्यक्तित्व नहीं है तो फिर
अपना अहम् हम किसके साथ जोड़ें?
प्रेम भी किससे करें
डरें तो किससे डरें?
किसे फिर ग्रहण करें
और किसे छोड़ें?

जाने दे किन्तु अब तू
जो कुछ है, जैसा है,
मेरे पास आना है तो भक्ति बनके आ.
कृष्ण बन, राधा बन,
पूरा या आधा बन,
जीवन की कोई अभिव्यक्ति बनके आ.
तुझ-सा ही शून्य बनूँ मैं भी--
यह तो है कल की बात,
आज तू मेरी तरह व्यक्ति बनके आ.

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts