0 Bookmarks 231 Reads1 Likes
जितना कम सामान रहेगा
उतना सफ़र आसान रहेगा
जितनी भारी गठरी होगी
उतना तू हैरान रहेगा
उससे मिलना नामुमक़िन है
जब तक ख़ुद का ध्यान रहेगा
हाथ मिलें और दिल न मिलें
ऐसे में नुक़सान रहेगा
जब तक मन्दिर और मस्जिद हैं
मुश्क़िल में इन्सान रहेगा
‘नीरज’ तो कल यहाँ न होगा
उसका गीत-विधान रहेगा
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments