वो चुप-चाप आँसू बहाने की रातें's image
2 min read

वो चुप-चाप आँसू बहाने की रातें

Firaq GorakhpuriFiraq Gorakhpuri
0 Bookmarks 93 Reads0 Likes

वो चुप-चाप आँसू बहाने की रातें

वो इक शख़्स के याद आने की रातें

शब-ए-मह की वो ठंडी आँचें वो शबनम

तिरे हुस्न के रस्मसाने की रातें

जवानी की दोशीज़गी का तबस्सुम

गुल-ए-ज़ार के वो खिलाने की रातें

फुवारें सी नग़्मों की पड़ती हों जैसे

कुछ उस लब के सुनने-सुनाने की रातें

मुझे याद है तेरी हर सुब्ह-ए-रुख़्सत

मुझे याद हैं तेरे आने की रातें

पुर-असरार सी मेरी अर्ज़-ए-तमन्ना

वो कुछ ज़ेर-ए-लब मुस्कुराने की रातें

सर-ए-शाम से रतजगा के वो सामाँ

वो पिछले पहर नींद आने की रातें

सर-ए-शाम से ता-सहर क़ुर्ब-ए-जानाँ

न जाने वो थीं किस ज़माने की रातें

सर-ए-मय-कदा तिश्नगी की वो क़स्में

वो साक़ी से बातें बनाने की रातें

हम-आग़ोशियाँ शाहिद-ए-मेहरबाँ की

ज़माने के ग़म भूल जाने की रातें

'फ़िराक़' अपनी क़िस्मत में शायद नहीं थे

ठिकाने के दिन या ठिकाने की रातें

 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts