जा तेरे स्वप्न बड़े हों's image
1 min read

जा तेरे स्वप्न बड़े हों

Dushyant KumarDushyant Kumar
2 Bookmarks 2022 Reads5 Likes

जा तेरे स्वप्न बड़े हों।

भावना की गोद से उतर कर
जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें।

चाँद तारों सी अप्राप्य ऊचाँइयों के लिये
रूठना मचलना सीखें।

हँसें
मुस्कुराएँ
गाएँ।

हर दीये की रोशनी देखकर ललचायें
उँगली जलाएँ।
अपने पाँव पर खड़े हों।
जा तेरे स्वप्न बड़े हों।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts