
0 Bookmarks 187 Reads0 Likes
मेरे मन भैया राम कहौ रे॥टेक॥
रामनाम मोहि सहजि सुनावै।
उनहिं चरन मन कीन रहौ रे ॥१॥
रामनाम ले संत सुहावै।
कोई कहै सब सीस सहौ रे॥२॥
वाहीसों मन जोरे राखौ।
नीकै रासि लिये निबहौ रे॥३॥
कहत सुनत तेरौ कछू न जावे।
पाप निछेदन सोई लहौ रे॥४॥
दादू जन हरि-गुण गाओ।
कालहि जालहि फेरि दहौ रे॥५॥
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments