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8) यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः।
न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत्।।
उस देश मे कभी निवास न करें जहाँ आपकी कोई ईज्जत न हो, जहा आप के लिए कोइ रोजगार न हो, जहा आपका कोई मित्र न हो और जहा आप कोई ज्ञान आर्जित न कर सके।
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