0 Bookmarks 65 Reads0 Likes
तुम्हें हम चाहते तो हैं मगर क्या
मोहब्बत क्या मोहब्बत का असर क्या
वफ़ा का नाम तो पीछे लिया है
कहा था तुम ने इस से पेशतर क्या
हज़ारों बार बिगड़े रात भर में
निभेगी तुम से अपनी उम्र भर क्या
नज़र मिलती नहीं उठती नहीं आँख
कोई पूछे कि है मद्द-ए-नज़र क्या
शिकायत सुन के वो 'बेख़ुद' से बोले
तुझे ऐ बे-ख़बर मेरी ख़बर क्या
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments