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अदू के ताकने को तुम इधर देखो उधर देखो
मगर हम तुम को देखे जाएँ तुम चाहो जिधर देखो
लड़ाई से यूँही तो रोकते रहते हैं हम तुम को
कि दिल का भेद कह देती है तुम चाहो जिधर देखो
अदाएँ देखने बैठे हो क्या आईने में अपनी
दिया है जिस ने तुम जैसे को दिल उस का जिगर देखो
सवाल-ए-वस्ल पर कुछ सोच कर उस ने कहा मुझ से
अभी वादा तो कर सकते नहीं हैं हम मगर देखो
न करना तर्क 'बेख़ुद' मोहतसिब के डर से मय-ख़्वारी
कहीं धब्बा लगा लेना न अपने नाम पर देखो
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