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कभी मजबूर मत मानना
अपने आप को।
तुम कौन?
जो चुन सकता है।
सही चुनाव करो,
यही समाधान है।
अगर डरे नहीं होते तुम,
तो ज़िन्दगी कितनी अलग होती।
सोचना!
प्रेम सर्वप्रथम तुम्हारी अपनी आंतरिक स्थिति है, इसका किसी दूसरे व्यक्ति से कोई लेना-देना नहीं है।
जो सच्चाई से मुँह चुराकर जी रहा है,
वह तो दुनिया में ही बेवकूफ बना हुआ है,
उसे दुनिया से मुक्ति क्या मिलेगी!
जितनी बार उचित दिशा में क़दम उठाओगे
आगे की राह और आसान हो जाएगी।
तुम्हारा हर क़दम निर्धारित कर रहा है कि
अगला क़दम आसान पड़ेगा या मुश्किल ।
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