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अब रात भी पूछती है
तू आज कल हमसफर नहीं होता
रात तू सबर कर कुछ और रात
मैं आज कल हूं झूठ के साथ
रात कुछ और रात अकेली काट
जल्दी हमसफर बनूंगा तेरे साथ
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अब रात भी पूछती है
तू आज कल हमसफर नहीं होता
रात तू सबर कर कुछ और रात
मैं आज कल हूं झूठ के साथ
रात कुछ और रात अकेली काट
जल्दी हमसफर बनूंगा तेरे साथ
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