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हर चीज़ मे जिसे वह
अपनी चोंच से छूता है
धातु की ध्वनि है
कब ख़त्म हुआ सारा पानी
इतना लोहा कैसे उतर गया
कब यह जगह
जंगल से शहर हुई
उन मोटे तने का क्या हुआ
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हर चीज़ मे जिसे वह
अपनी चोंच से छूता है
धातु की ध्वनि है
कब ख़त्म हुआ सारा पानी
इतना लोहा कैसे उतर गया
कब यह जगह
जंगल से शहर हुई
उन मोटे तने का क्या हुआ
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