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"पर्यावरण हमारा"
वन-उपवन में लताकुंज,
नित हवा का सहारा,
सबसे प्यारा पर्यावरण हमारा ।
हरिमा संग हरियाली ,
जहां मन अमत्सर हो जाते हैं ।
खेत खलियान खिल उठते ,
और बसंत बहार लाते हैं।
कल-कल निनाद नदियां बहती,
सुकून भरा सागर किनारा ,
सबसे प्यारा पर्यावरण हमारा ।
अमराई में झूला-झूलते ,
अल्हड़-अलमस्त विचरते ।
मधुपों के शहद की धारा,
पेड़ बचाए जीवन सारा ।
आओ मिलकर पेड़ लगाए ,
बस मेरा एक ही नारा ,
सबसे प्यारा पर्यावरण हमारा ।
✍️योगेंद्र सिंह राजावत
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