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अ-किताब से ख्यालों तक
सफर करने वाली लड़की!
तेरे आम से लफ़्जों की पहनाई में जो डूबा हूँ,
गाहे - गाहे मुझको
यही इक ख़्याल आता है
तू जो आज होती
मैं तेरे दिल का कर्ब पीता
तेरे होटों पर मुक़द्दस हंसी बिखेरता
मग़र तू जो आज नही है
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