बसंत's image
Share0 Bookmarks 48 Reads0 Likes
जिससे करते हो तुम प्रेम! - करते जाओ
बिना किसी कामना के...
तुम करते जाओ, अपने हिस्से का प्रेम!
पतझड़ से मत डरो
प्रेम में सभी मौसम समाये है
सभी ऋतुएं प्रेम ही से है!
प्रेम! पूर्ण समर्पण मांगता है
हो जाओ प्रेम को समर्पित...
धीरे-धीरे हटा-दो...
अपने शब्दकोश से एक शब्द-प्रतीक्षा
देखना एक दिन सिर्फ एक ऋतु रहेगी,
और.... एक दिन
तुम हो जाओगे-बसंत।
-रोहित

Twitter- @YesIRohit

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts