माँ's image
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साथ रहे तन्हाइयों में,

हृदय की गहराइयों में,

विपदा भरी परिस्थितियों में,

हर दिवसों और हर तिथियों में,

करे सामना हर संकटों का,

है समाधान हर विकटों का,

वो कौन सा है नेह,

वो है माँ का स्नेह।


अश्रु की बारिशों में,

द्वेष की तारिशों में,

देती है हरदम साथ मेरा,

हाथों में लेकर हाथ मेरा,

कृतज्ञ हूं मैं उसका,

उस पर कुर्बान सब कुछ अपना,

जीवन भर करता रहूंगा, बस उसकी आराधना,

क्षण भर में अपना सब कुछ, उसने मुझ पर बलिहार किया,

सबसे लड़कर, सबसे बढ़कर, उसने मुझसे ही प्यार किया।

मुझे है सब मालूम,

मुझे है सब ज्ञात,

वो कौन सा है नेह।

वो है माँ का स्नेह।।


यमुना धर त्रिपाठी

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