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वहम को आपके विलुप्त करें?
क्या अहम हैं उसका ज़रा ख्याल करें!
राय किसकी भी बिल्कुल अहम नहीं,
दबाव में दुख सहना अहम नहीं,
भावनाओं को व्यक्त न करना अहम नहीं,
सहम के रहना कदापि अहम नहीं,
खुदको कम आंकना अहम नहीं,
अपनों से रूठना अहम नहीं,
खुदको पीड़ा पहुंचाना अहम नहीं,
जूझ में खुदको बनाएं रखना अहम नहीं,
अब वहम क्या हैं ?
सरलता को सौंदर्य न समझना वहम!
सृजनात्मकता के प्रवाह को अभिव्यक्ति रोके, वहम!
उग्रता को स्वीकार करने से ही बदलाव संभव, वहम!
खुदको ज़ख्म देकर ही प्राश्चित संभव, वहम!
जीवन के गुरुकुल में प्रयोगों पर निषेध जायज़, वहम!
अपने सपनों क
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