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कृत्रिम बुद्धि से उपजा कोई लेख,
कैसे जाने क्या इन आंखों ने देख
हुनर को कुशाग्र करने हेतु किया रक्षित,
पुराणों-उपनिषदों से चेतना की लक्षित,
कृत्रिम बुद्धि क्रांति नहीं खोंखला शोख,
रचनाओं के रस को ये लेगी पूर्णत: सोख!
लेखन होती एक अभिन्न व अनमोल कला,
इसके आड़े नहीं जाता अबोधिता को छला,
नई तंत्र प्रणाली असल में कितनी हितकारी,
इसका मुआयना बेशक लिए होंगे प्रभारी!
क्या कवि होंगे इसके आने से सम्मानित?
क्या अतुल्य विचारों में होगा इज़ाफा नित?
क्या बढ़ेगी लोक में कल्पना की ताकत?
या घटेगी इल्म अभ्यस्त करने वाले की लागत?
प्रतिभा व प्रखरता को नष्ट करने ना लगे होड़!
भावों-संवेदनाओं से लोगों के दिलों को जोड़,
संजोएं वास्तविक किस्से,वृतांत,कविताएं व रचनाएं,
कृत्रि
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