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हर शख्स यहां एक हस्ती हैं,
किसीके मिजाज़ में मस्ती हैं,
जान की कीमत लेकिन सस्ती हैं!
मनोरंजन को लेकर बहुत चुस्ती हैं,
रोज़गार को लेकिन फिर भी मंदी हैं!
भाषा में ज़रा यहां हैं!
अल्फाजों
किसी की उन्मुक्त रूह तरसती,
किसीके सम्मुख कठिनाई गरजती,
यहां प्रतिपल लगा हुआ जमघट,
अप्रत्याशित करके बैठा
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